आयुक्त भू अभिलेख ने सभी जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र, आदेश जारी होते ही जागा 2012 वाला पुराना जिन्न ...
मध्य प्रदेश के 25000 पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है, वर्ष 2012 मे पटवारियों को गृह तहसील (मूल निवास की तहसील) और राजस्व निरीक्षकों को गृह उपखंड से अन्यत्र पदस्थ करने के आदेश जारी किए गए थे जिसके अनुसार कोई भी पटवारी उसी तहसील में पदस्थ नहीं रहेंगे जिस तहसील में उनका पैतृक निवास है साथ ही साथ प्रदेश में पदस्थ राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षकों भी अपने गृह उपखंड मे पदस्थ नहीं रहेंगे। जिसके पालन मे उस समय प्रदेश भर मे थोकबंद रूप मे पटवारियों और राजस्व निरीक्षकों को गृह तहसील और गृह उपखंड से बाहर स्थानतारित किया गया था । पर बीतते समय और अफसरों के कृपा पात्र कर्मचारियों ने सेटिंग और जुगाड़ के चलते पुनः गृह तहसील और गृह उपखंड मे तबादले करवा लिए ।
अब जबकी आयुक्त भू अभिलेख ने सभी कलेक्टरों से दिनांक 28/10/2024 को पत्र क्रमांक 1141/स्था.एक/पटवारी/360389/2024 द्वारा यह जानकारी मांगी है की कितने पटवारी गृह तहसील मे और कितने राजस्व निरीक्षक गृह उपखंड मे पदस्थ है, तो ऐसे में प्रदेश के करीब 50 फीसदी पटवारीयों , और राजस्व निरीक्षकों में खलबली मचना स्वाभाविक है , जो गृह तहसील या गृह उपखंड में पदस्थ है। अब देखना यह है की इस पत्र का प्रदेश के पटवारियों/राजस्व निरीक्षकों के तबादलों पर कितना असर पड़ता है । साथ ही साथ पटवारी पद का कैडर अब राज्य स्तरीय होने से कई नवनियुक्त पटवारी अपने गृह जिले से भी सैकड़ों किलोमीटर दूर नौकरी करने को मजबूर है , यदि ऐसे में उन्हे भी थोड़ी राहत मिल जाती तो शायद ये सरकार की तरफ से एक सकारात्मक पहल होती अपने कर्मचारियों के लिए ।